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हिंदी कहानियां - भाग 173

ओस की बूंदों में तुम्हारी यादें


ओस की बूंदों में तुम्हारी यादें   मैं 11वीं में पढ़ता था। रोज स्कूल जाता था लेकिन स्कूल के दोस्तों से ज्यादा घुली- मिला नहीं था। मेरे स्कूल में 9वीं क्लास में एक लड़की पढ़ती थी, जो रोज किसी न किसी बहाने से मेरी क्लास में आती थी। कभी अपनी कॉपी चेक करवाने, तो कभी बुक हाथ में लिए हमारे टीचर से कुछ पूछने के बहाने क्लासरूम में आ जाती थी। आते-जाते, मुझे हल्का सा मुस्कुराते हुए देखती थी। एक-दो बार उसने ऐसा ही किया तो मैंने उस पर गौर करना शुरू किया। अगली बार क्लासरूम में वो आई और चिर परिचित अंदाज में मुस्कुराते हुए मेरे पास खड़ी हो गई। उसने मुझसे कहा, 'आपके पास नाइंथ क्लास के नोट्स है? आप मुझे दे सकते हैं? उस दिन हमारी पहली बातचीत के बाद से वो मुझे पसंद आने लगी थी। अगली एक-दो मुलाकातों के बाद मुझे उससे प्यार हो गया। जिस दिन भी स्कूल में उससे बात होती थी, उस रात वो मेरे सपने तक में आ जाती थी। ऐसा कई बार हुआ। इसके करीब एक महीने बाद उसने मुझे एक लेटर दिया, जिसके आखिर में लिखा था 'आई लव यू तुम्हारी कोमल।' इस पर मैंने भी उसे एक लेटर लिखा जो मेरा पहला प्रेम पत्र था। उस समय सुबह घने कोहरे के बीच हम एक साथ स्कूल जाया करते थे और रास्ते भर बातें करते रहते। स्कूल पहुंचकर हम बगीचे में फूलों पर चमकती ओस की बूंदों से खेला करते थे। अब ये ठंड तुमसे जुड़ी यादों की गर्माहट बढ़ा रही है।

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